हल्द्वानीः वन दरोगा को तीन साल की सजा, डंपर छोड़ने के एवज में ली थी रिश्वत

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर की गुलजारपुर चौकी के तत्कालीन वन दरोगा शैलेंद्र कुमार चौहान को भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने रिश्वत लेने के मामले में दोषी ठहराया है। अदालत ने बुधवार को उसे तीन साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई वर्ष 2019 में पकड़े गए एक डंपर को छोड़ने के बदले वन दरोगा ने एक लाख रुपये की रिश्वत ली थी। ऊधमसिंह नगर के काशीपुर निवासी फईम अहमद ने एक अप्रैल 2019 को सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) कार्यालय हल्द्वानी में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। फईम के साथ ही नफीस अहमद और नियाज अली डंपर चलाते थे और कोसी नदी से रेता ढोने का काम करते थे। सात मार्च को उनका डंपर बंजारी गेट, रामनगर से टोकन कटवाकर कोसी नदी में गया था, जहां रेंजर आरके वर्मा और गुलजारपुर चौकी प्रभारी शैलेंद्र चौहान ने उसे पकड़ लिया।

रंगे हाथ पकड़ा गया था आरोपी

डंपर को छोई चौकी में खड़ा करवाने के बाद दरोगा ने उसे छोड़ने के बदले रिश्वत की मांग की। मामले की जांच निरीक्षक राम सिंह मेहता ने की, जिसमें शिकायत सही पाई गई। इसके बाद ट्रैप टीम ने दो अप्रैल को शैलेंद्र चौहान को फईम अहमद से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने अदालत में 15 गवाह पेश किए। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) नीलम रात्रा की अदालत ने सुनवाई के बाद शैलेंद्र कुमार चौहान को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

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