हल्द्वानी के उजाला हॉस्पिटल में डॉक्टरों वह हॉस्पिटल मैनेजमेंट की लापरवाही से मरीज की हुई मौत परिजनों ने यह कहा की यह हॉस्पिटल नहीं यह कुमाऊं के लोगों को लूटने का अड्डा है

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दीपक अधिकारी

अधिकारी

हल्द्वानी के कुसुमखेड़ा स्थित उजाला हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते हरीपुर नायक निवासी भुवन फुलारा की मौत के मामले ने गंभीर रूप ले लिया है। मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उचित चिकित्सा की कमी और डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण उनके प्रियजन की जान चले गई।परिजनों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती के दौरान उन्हें लगातार गुमराह किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पांच दिनों तक अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों ने उन्हें यह आश्वासन दिया कि मरीज का इलाज किया जाएगा, लेकिन छठे दिन उन्हें बताया गया कि अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं हैं मृतक के परिजनों ने कहा, “जब हम अस्पताल आए, तो वहां डॉक्टरों के नाम और फोटो लगे हुए थे, लेकिन वास्तविकता में हमें कोई उचित चिकित्सा नहीं मिली।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की बातें सिर्फ दिखावा हैं, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में मनमानी ढंग से पैसे वसूले जा रहे हैं।परिजनों ने प्रशासन से भी सवाल उठाते हुए कहा कि जन औषधि केंद्रों में जिन दवाइयों की कीमत मात्र 80 रुपये है यहां अस्पताल में वो दवाइयां उन्हें 800 में बेची गईं। परिजनों ने कहा कि वे संबंधित अधिकारियों को इस मामले की जांच की जाने की मांग करते हैं और इस मामले को कुमाऊं आयुक्त के सामने भी रखेंगे।बहरहाल परिजनों में खासा रोष व्याप्त है और अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है।

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