
दीपक अधिकारी


हल्द्वानी
लालकुआं (नैनीताल):
लालकुआं में “नो एंट्री” लागू करने की घोषणा ने पूरा माहौल राजनीतिक रणभूमि में बदल दिया है। भारी वाहनों पर रोक के फैसले के बाद नगर में नेताओं से लेकर व्यापारियों तक में खलबली मच गई है नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह लोटनी ने इस विवादित मुद्दे पर सर्वदलीय और सर्वजनसामान्य बैठक बुलाई जिसमें प्रशासन पुलिस, परिवहन विभाग और स्थानीय प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।
बैठक में एक पक्ष ने कहा
भारी वाहनों के कारण रोजाना ट्रैफिक जाम और हादसे होते हैं, नो-एंट्री ही समाधान है।”
जबकि दूसरा पक्ष भड़क उठा —
नो-एंट्री से व्यापार चौपट होगा! सरकार पहले बाईपास बनाए, फिर रोक लगाए!”
दरअसल, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी लालकुआं को बाईपास नहीं मिला, और अब “नो एंट्री” की तलवार ने जनता का गुस्सा भड़का दिया है।
अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह लोटनी ने साफ कहा —
नो एंट्री लागू करनी ही होगी। इससे सरकार को बाईपास बनाने पर मजबूर होना पड़ेगा। यह जनता के हित में जरूरी कदम है
सूत्रों के मुताबिक, सत्ताधारी दल के कुछ स्थानीय नेताओं ने भी चेयरमैन के रुख का समर्थन किया है लेकिन कई व्यापारी और ट्रक यूनियन के लोग खुलकर विरोध मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं।
अब सवाल बड़ा है
क्या लालकुआं में नो-एंट्री व्यवस्था लागू होगी या फिर जनता व व्यवसायों की ताकत सरकार को बाईपास निर्माण की ओर झुका देगी फिलहाल












