दीपक अधिकारी
हल्द्वानी
देहरादून – चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत उत्तराखंड की वर्ष 2003 की मतदाता सूची जारी कर दी गई है, लेकिन इसमें अपना नाम खोजना आसान नहीं है। वजह यह है कि उस समय की 18 विधानसभा सीटें आज अस्तित्व में ही नहीं हैं। परिसीमन के बाद इन सीटों के नाम व क्षेत्र पूरी तरह बदल चुके हैं। इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी देहरादून कार्यालय ने वेबसाइट ceo.uk.gov.in पर वर्ष 2003 की मतदाता सूची जारी कर दी है।
2003 की मतदाता सूची से होगा मिलान –
एसआईआर के दौरान यह जांच की जानी है कि किसी व्यक्ति का वोट वर्ष 2003 में था या नहीं। इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने अपनी वेबसाइट पर 2003 की वोटर लिस्ट उपलब्ध कराई है। लेकिन नई पीढ़ी के मतदाता जब वर्तमान सीटों के नाम ढूंढेंगे—जैसे देहरादून की धर्मपुर, रायपुर; चमोली की थराली; पौड़ी की चौबट्टाखाल; नैनीताल की लालकुआं, भीमताल; या ऊधमसिंह नगर की कालाढूंगी—तो उन्हें ये 2003 की सूची में बिल्कुल नहीं मिलेंगी, क्योंकि उन दिनों ये सीटें थीं ही नहीं।
परिसीमन ने बदली विधानसभा सीटों की तस्वीर –
राज्य गठन के बाद वर्ष 2002 में पहली बार परिसीमन हुआ, जिसमें 70 विधानसभा और 5 लोकसभा सीटें तय हुईं। 2003 की सूची इन्हीं सीटों पर आधारित है। लेकिन वर्ष 2008 में हुए राष्ट्रीय परिसीमन में उत्तराखंड की कुल सीट संख्या तो समान रही, लेकिन 18 सीटें समाप्त हो गईं और उनकी जगह नई सीटों का गठन हुआ।
2003 की पुरानी सीटें और 2025 की नई सीटें — मुख्य बदलाव
चमोली जिले में
पुरानी सीटें: नंदप्रयाग, पिंडर
नई सीट: थराली
देहरादून जिले में
पुरानी सीटें: लक्ष्मणचौक, देहरादून
नई सीटें: धर्मपुर, रायपुर, देहरादून कैंट
हरिद्वार जिले में
पुरानी सीटें: इकबालपुर, लंढौरा, बहादराबाद, लालढांग
नई सीटें: भेल रानीपुर, ज्वालापुर, झबरेड़ा, पिरान कलियर, खानपुर, हरिद्वार ग्रामीण
पौड़ी जिले में
पुरानी सीटें: धूमाकोट, बीरोंखाल, थलीसैंण
नई सीट: चौबट्टाखाल
पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा
पुरानी सीटें: कनालीछीना (पिथौरागढ़), भिकियासैंण (अल्मोड़ा) — अब अस्तित्व में नहीं
नैनीताल जिले में
पुरानी सीटें: मुकतेश्वर, धारी
नई सीटें: लालकुआं, भीमताल, कालाढूंगी
ऊधमसिंह नगर में
पुरानी सीटें: पंतनगर-गदरपुर, रुद्रपुर-किच्छा
नई सीटें: गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा, नानकमत्ता
कैसे खोजें 2003 की वोटर लिस्ट में अपना नाम?
मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर दो तरीके उपलब्ध हैं:
पुराने वोटर आईडी (EPIC) नंबर से सर्च करें
यदि पुराना कार्ड है, तो EPIC नंबर डालकर सीधा नाम खोजा जा सकता है।
एडवांस सर्च विकल्प का उपयोग करें
नाम
पिता का नाम
उम्र
पोलिंग स्टेशन
जिले की जानकारी
भरकर भी नाम सर्च किया जा सकता है।
2003 की मतदाता सूची जारी होने से एसआईआर प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन पुरानी सीटों की गैर-मौजूदगी ने मतदाताओं के लिए नाम तलाशना निश्चित ही चुनौतीपूर्ण बना दिया है।



