हल्द्वानी: पेंशनर्स की लंबित मांगों पर सरकार से त्वरित निर्णय की मांग, सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देते हुए आंदोलन की चेतावनी

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

हल्द्वानी। गवर्नमेंट पेंशनर्स वैलफेयर ऑर्गेनाइजेशन, उत्तराखंड ने प्रदेश के पेंशनर्स और पारिवारिक पेंशनर्स की कई लंबित समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेई के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा है। संगठन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि एक माह के भीतर उनकी मांगों पर उचित निर्णय नहीं लिया गया, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। संगठन की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक पिछले दिनों श्रीनगर गढ़वाल स्थित नगर निगम सभागार में आयोजित की गई थी, जिसमें प्रदेशभर से आए प्रतिनिधियों ने सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। बैठक में निर्णय लिया गया कि पेंशनर्स और पारिवारिक पेंशनर्स की मांगों के शीघ्र समाधान के लिए दबाव बनाया जाएगा।हल्द्वानी शाखा के पेंशनर्स ने इस निर्णय का समर्थन किया और 2 अप्रैल को नगर मजिस्ट्रेट के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा। संगठन ने कहा कि वे अपनी मांगों को शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से हल करवाना चाहते हैं, लेकिन यदि सरकार समय रहते उचित निर्णय नहीं लेती है, तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।मुख्य मांगें और समाधान की अपेक्षा1. गोल्डन कार्ड योजना में सुधार: ओपीडी में निशुल्क जांच, इलाज, दवा और पैथोलॉजी जांच की सुविधा के लिए आदेश जारी किया जाए।2. अस्पतालों में निशुल्क उपचार: अनुबंधित अस्पतालों में गोल्डन कार्ड धारकों का इलाज सुनिश्चित किया जाए और सरकार अस्पतालों के बकाया बिलों का भुगतान करे।3. अंशदान में राहत: पेंशनर्स के अंशदान को 50% और पारिवारिक पेंशनर्स के अंशदान को 30% किया जाए।4. वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि: 70 वर्ष पर 10%, 75 वर्ष पर 15%, 80 वर्ष पर 20% और 100 वर्ष की उम्र में 100% वृद्धावस्था पेंशन दी जाए।5. वेतन वृद्धि का लाभ: 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनर्स को उत्तर प्रदेश की तर्ज पर वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए।6. राज्य सलाहकार समिति का गठन: पेंशनर्स की समस्याओं के समाधान के लिए राज्यस्तरीय समिति बनाई जाए।संगठन ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि इन सभी लंबित मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए ताकि पेंशनर्स को राहत मिल सके। संगठन ने दोहराया कि यदि एक माह के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो पूरे प्रदेश में बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।

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