भ्रष्टाचार पर गिरी गाज: रिश्वतखोर ईओ संजीव मेहरोत्रा को तीन साल की सजा

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

हल्द्वानी। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान को बड़ी सफलता हाथ लगी है। नगर पंचायत केलाखेड़ा के तत्कालीन ईओ संजीव मेहरोत्रा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत विशेष न्यायालय ने दोषी करार देते हुए तीन साल के साधारण कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी, नैनीताल की अदालत ने 8 सितंबर को सुनाया। मामला वर्ष 2012 का है जब सेना में तैनात सआदत हुसैन ने सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर हल्द्वानी में शिकायत दर्ज कराई थी कि मकान निर्माण की अनुमति के नाम पर ईओ संजीव मेहरोत्रा उनसे बीस हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं। शिकायत के आधार पर सतर्कता टीम ने निरीक्षक तिलक राम वर्मा के नेतृत्व में जाल बिछाया और 26 मई 2012 को रुद्रपुर में आरोपी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस पर सतर्कता अधिष्ठान ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना पूरी की और आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया।अभियोजन पक्ष ने मुकदमे के दौरान सात गवाह पेश किए। अभियोजन अधिकारी सुनीता भट्ट ने गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी की संलिप्तता साबित की। केस आफिसर निरीक्षक हेमचंद्र पांडे और कोर्ट पैरोकार कान्स्टेबल राजेंद्र सिंह मेहरा ने मुकदमे की पैरवी की। अदालत ने सभी तथ्यों को सुनने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया और धारा 7 के तहत एक वर्ष के साधारण कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना तथा धारा 13 (1)(डी) सपठित धारा 13 (2) के तहत दो वर्ष का साधारण कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया। सतर्कता अधिष्ठान ने आमजन से अपील की है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में वे भी सहयोग करें और किसी भी प्रकार की रिश्वतखोरी की शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर 24×7 दर्ज कराएं। यह मामला न केवल भ्रष्टाचारियों के लिए चेतावनी है, बल्कि ईमानदार नागरिकों के लिए न्याय की जीत भी है।

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