उत्तराखंड: तबादलों पर विभाग लेंगे फैसला, सुगम से दुर्गम और दुर्गम से सुगम होंगे ट्रांसफर

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

देहरादून। सरकारी कर्मचारियों के अनिवार्य तबादले के लिए कोटा निर्धारित नहीं किया जाएगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि मैदान (सुगम) से जितने कर्मचारी और शिक्षक दुर्गम क्षेत्रों में भेजे जाएंगे, उतने ही दुर्गम से मैदान में स्थानांतरित किए जाएंगे, ताकि संतुलन बना रहे बुधवार को राज्य सचिवालय में हुई इस बैठक में कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के अधिकारियों और विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों ने हिस्सा लिया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कार्मिक विभाग ने जानकारी दी कि स्थानांतरण अधिनियम में तबादलों का कोटा निर्धारित करने का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, अधिनियम लागू होने के बाद शुरुआत में 10% तबादले किए गए थे, जिसे कोविडकाल के बाद बढ़ाकर 15% किया गया। अब तक कुल 65% स्थानांतरण हो चुके हैं।

विभाग तय करेंगे तबादले की संख्या

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि स्थानांतरण सत्र के दौरान कितने शिक्षकों और कर्मचारियों का तबादला होगा, यह संबंधित विभागों के विवेक पर होगा। लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सुगम और दुर्गम क्षेत्रों में कर्मचारियों की संख्या संतुलित बनी रहे।

अनुरोध पर होने वाले तबादलों पर भी चर्चा

बैठक में गंभीर बीमारियों के आधार पर किए जाने वाले तबादलों को लेकर भी चर्चा हुई। ऐसे तबादले स्थानांतरण अधिनियम की धारा 27 के तहत होते हैं, जिनकी सिफारिश मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति करती है। अंतिम स्वीकृति मुख्यमंत्री द्वारा दी जाती है।

एकल अभिभावकों को मिलेगी छूट

सरकार ने एकल अभिभावकों को अनिवार्य तबादले से छूट देने पर सहमति जताई है। कर्मचारी संगठनों की लंबे समय से चली आ रही इस मांग को सरकार ने मान लिया है। मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि इस निर्णय से एकल अभिभावक अपनी नौकरी और पारिवारिक जिम्मेदारियों का बेहतर ढंग से निर्वहन कर सकेंगे।

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