दीपक अधिकारी
हल्द्वानी
देहरादून। उत्तराखण्ड एसटीएफ ने नकली जीवन रक्षक दवाइयों का कारोबार करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मास्टरमाइंड सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित प्रिंटिंग प्रेस का मालिक विजय कुमार पाण्डेय भी शामिल है, जो ब्रांडेड कंपनियों की नकली पैकेजिंग तैयार कर इस अवैध धंधे को अंजाम दे रहा था। एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई ने न केवल नकली दवाइयों के इस नेटवर्क को तोड़ा है, बल्कि इस धंधे में शामिल कई और नामों तक पहुंचने का रास्ता भी खोल दिया है। गौरतलब है कि नकली दवाइयों के बाजार में बिकने से न केवल आम लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा था, बल्कि सरकार को भी बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि हो रही थी।एसटीएफ की जांच में सामने आया कि पकड़ा गया आरोपी विजय कुमार पाण्डेय वर्षों से बद्दी स्थित अपनी एस.वी. फॉइल कंपनी के जरिये नकली दवाइयों की पैकेजिंग सामग्री तैयार कर रहा था। वह आरोपी नवीन बंसल और प्रदीप कुमार के कहने पर किसी भी ब्रांडेड दवा कंपनी का नाम, विवरण और क्यूआर कोड प्रिंट कर उन्हें सप्लाई करता था। यही नहीं, वर्ष 2021 में उसने नकली आईडी पर सिम कार्ड भी उपलब्ध कराया था, जिसका इस्तेमाल आरोपी नेटवर्क के संचालन में करते थे। एसटीएफ ने पहले ही इस केस में पांच आरोपियों संतोष कुमार, नवीन बसल, आदित्य काला, देवी दयाल गुप्ता और पंकज शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। अब मास्टरमाइंड विजय कुमार पाण्डेय की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूरे नेटवर्क और इसमें शामिल अन्य लोगों की गहनता से छानबीन कर रही है।बताया गया कि एसटीएफ को प्रतिष्ठित दवा कंपनियों की नकली पैकेजिंग और नकली जीवन रक्षक दवाइयों के बाजार में बिक्री की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने एसटीएफ को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर की टीम ने गिरोह की कुंडली तैयार कर यह कार्रवाई अंजाम दी। फिलहाल पकड़े गए आरोपी विजय कुमार पाण्डेय के अन्य राज्यों में आपराधिक इतिहास की भी जानकारी जुटाई जा रही है। एसटीएफ का कहना है कि इस नेटवर्क से जुड़े बाकी लोगों को भी जल्द ही सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।



