दीपक अधिकारी
हल्द्वानी
विश्व हृदय दिवस पर जगदम्बा हार्ट केयर सेंटर में डॉ. प्रकाश पंत ने बताया कि बदलती जीवनशैली से हृदय अटैक का खतरा बढ़ा है। उन्होंने सीपीआर के महत्व पर जोर दिया, जिसमें सही समय पर मदद जान बचाई जा सकें। शनिवार को मुखानी स्थित जगदम्बा हार्ट केयर सेंटर में प्रेस वार्ता करते हुए वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश पंत ने कहा कि बदलती लाइफ स्टाइल और खानपान की गलत आदतों से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है। इस दौरान डॉ. पंत ने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब किसी मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो या वह अचानक बेहोश हो जाए तो तुरंत सीपीआर की मदद से उसकी जान बचाई जा सकती है। वहीं हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले सीपीआर दे दिया जाए, तो मरीज को नई जिंदगी मिल सकती है। सीपीआर दो तरह का होता है हैंड्स-ओनली सीपीआर और माउथ-टू-माउथ रेस्पिरेशन सीपीआर। हैंड्स ओनली सीपीआर में एक व्यक्ति द्वारा मरीज की छाती को एक हाथ से दबाया जाता है। जबकि माउथ-टू-माउथ रेस्पिरेशन में मरीज को मुंह से सांस दी जाती है। अनुशासित दिनचर्या हृदय रोग से बचाएगी।उन्होंने कहा कि हृदय रोग वृद्धावस्था का रोग कहलाता था, लेकिन आज भागदौड़ भरी जिंदगी में 25 से 30 वर्ष आयु के लोग भी हृदय रोगों के शिकार हो रहे हैं। पिछले साल कई बड़े नामचीन हस्तियां हार्ट अटैक का शिकार हुईं। डॉ. पंत ने बताया कि अनुशासित जीवनशैली और दिनचर्या किसी को हृदय रोगों से दूर रख सकती है। मानसिक तनाव और अनियमित खानपान से कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप और शुगर जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाता है। ये बीमारियां आगे चलकर हृदय रोग का मुख्य कारण बनती हैं।