हल्द्वानी हिंसा: अब्दुल मलिक को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा पूरा ब्योरा, तीन को राहत

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

नैनीताल। हल्द्वानी हिंसा के कथित मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक को फिलहाल राहत नहीं मिली है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए राज्य सरकार से उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का विस्तृत ब्योरा पेश करने के निर्देश दिए हैं। वहीं हिंसा से जुड़े तीन अन्य आरोपियों दानिश मलिक, जुनैद और अयाज अहमद को अदालत ने जमानत प्रदान की है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में हल्द्वानी हिंसा से जुड़े कुल 16 मामलों पर सुनवाई हुई। इनमें से मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक तथा नगर निगम के पूर्व पार्षद जीशान परवेज उर्फ सेबू की जमानत याचिकाएं अदालत ने खारिज कर दीं। दोनों मामलों पर अब दो सप्ताह बाद दोबारा सुनवाई होगी।अब्दुल मलिक की ओर से दलील दी गई कि वह निर्दोष है, घटना स्थल पर मौजूद नहीं था, उसके खिलाफ ठोस साक्ष्य नहीं हैं और वह पिछले वर्ष फरवरी से जेल में बंद एक वरिष्ठ नागरिक है। वहीं राज्य सरकार ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि आरोप गंभीर हैं अब्दुल मलिक पर अतिक्रमण से लेकर हिंसा की साजिश रचने तक के आरोप हैं। कहा गया कि जब प्रशासन की टीम सरकारी भूमि खाली कराने पहुंची तो आरोपी के नेतृत्व में उन पर हमला किया गया। अदालत ने जमानत देने से इनकार करते हुए सरकार को निर्देश दिया है कि वह अगले दो सप्ताह में आरोपी पर लगे सभी आरोपों और साक्ष्यों का पूरा विवरण कोर्ट में प्रस्तुत करे। बाकी आरोपियों के मामलों की सुनवाई भी इसी अवधि के बाद होगी।इधर जमीअत उलेमा-ए-हिंद, नैनीताल के जिलाध्यक्ष मौलाना मुकीम कासमी ने बताया कि, 08 फ़रवरी 2024 को बनभूलपुरा में हुए फसाद से जुड़े मामलों की सुनवाई नैनीताल हाईकोर्ट में जारी है। सोमवार को सुनवाई के दौरान जमीअत की कानूनी पैरवी पर अदालत ने तीन और आरोपियों को जमानत प्रदान की। इस प्रकार अब तक 83 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। मौलाना ने कहा कि जमीअत शुरुआत से ही इस मामले में कानूनी सहायता प्रदान कर रही है और अदालतों में लगातार पैरवी की जा रही है। उन्होंने कहा कि “अलहम्दुलिल्लाह, जमीअत को सफलता मिल रही है। हमारी लीगल टीम दिन-रात मेहनत कर रही है, जिसके लिए हम उनका तहेदिल से शुक्रिया अदा करते हैं।” मौलाना कासमी ने बताया कि कल नैनीताल हाईकोर्ट में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) मामले की सुनवाई होने वाली है, जबकि 10 दिसंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में बनभूलपुरा रेलवे भूमि प्रकरण की अहम सुनवाई होगी।

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