उत्तराखंड में अगले महीने हो सकती है त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव,सरकार ने शुरू की तैयारी, देख अपडेट

Spread the love

दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

उत्तराखंड में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मई के आखिर में हो सकते हैं। सरकार इसी हिसाब से तैयारी कर रही है। इसी कड़ी में पंचायतों में ओबीसी आरक्षण के नए सिरे से निर्धारण और दो बच्चों की शर्त की कट आफ डेट परिभाषित करने के लिए पंचायती राज अधिनियम में संशोधन के दृष्टिगत अध्यादेश लाने को कैबिनेट ने अनुमोदन दे दिया है।अध्यादेश को राजभवन से हरी झंडी मिलने के बाद पंचायतों में ओबीसी आरक्षण तय किया जाएगा।हरिद्वार को छोड़कर 12 जिलों में अगले महीने पंचायत चुनाव होने की संभावना है हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश के साथ होते हैं। राज्य गठन के बाद से ही यह परिपाटी चली आ रही है। शेष 12 जिलों में पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद गत वर्ष दिसंबर में इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। इस बीच ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन, परिसीमन, निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन व मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पंचायतों में ओबीसी आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण होना है। इस संबंध में गठित एकल समर्पित आयोग अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप चुका है अब इसके लिए पंचायतीराज अधिनियम में संशोधन किया जाना है। इसके लिए अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने अनुमोदित कर दिया है। पंचायतों में ओबीसी आरक्षण की पूर्व में तय 14 प्रतिशत की सीमा समाप्त कर दी गई है।आरक्षण का निर्धारण वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर होगा और यह किसी भी दशा में 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। साफ किया गया है कि यदि किसी पंचायत में अनुसूचित जाति, जनजाति का आरक्षण 50 प्रतिशत होगा तो वहां ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलेगा अध्यादेश में पंचायत चुनाव में दो बच्चों की शर्त के मामले में कट आफ डेट भी परिभाषित की गई है। साफ किया गया है कि 25 जुलाई 2019 से पहले जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे, वे चुनाव लड़ सकेंगे। इस तिथि के बाद बच्चा होने पर वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *