नंदानगर आपदा: मां की छाती से लिपटे मिले जुड़वा बेटे, अकेले बचे कुंवर सिंह ने खोया पूरा परिवार

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

चमोली। नंदानगर के कुंतरी लगा फाली गांव में बादल फटने से मची तबाही ने एक ही परिवार की खुशियां छीन लीं। मलबे से जब एक मां और उसके दो मासूम बेटों के शव बरामद हुए तो गांव का हर दिल दहल उठा। दोनों बच्चे अपनी मां की छाती से चिपके मिले। यह दृश्य इतना दर्दनाक था कि बचावकर्मी भी नम आंखों से काम करने को मजबूर हो गए।यह मंजर कुंवर सिंह के परिवार का था। पत्नी कांती देवी और जुड़वा बेटे विकास व विशाल (10 वर्ष) आपदा में काल के गाल में समा गए। परिवार गुरुवार तड़के अपने ही घर में सो रहा था कि अचानक पहाड़ से आया मलबा सबकुछ बहा ले गया रेस्क्यू टीम ने करीब 16 घंटे की मशक्कत के बाद कुंवर सिंह को जिंदा बाहर निकाला। आधा शरीर मलबे में दबा था, चेहरा भी मिट्टी से ढका हुआ, मगर रोशनदान से मिली सांसों ने उनकी जिंदगी बचा ली। जब उन्हें अस्पताल भेजा गया तो उम्मीदें जगीं, लेकिन शाम होते-होते पत्नी और बेटों के शव मिलने की खबर ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।गांव के बुजुर्गों का कहना है कि इतनी भयावह तस्वीर उन्होंने पहली बार देखी। दो मासूम अपनी मां की गोद में आखिरी सांस तक लिपटे रहे। मजदूरी कर परिवार का आशियाना खड़ा करने वाले कुंवर सिंह का जीवन अब वीरान हो गया है। आपदा प्रभावित गांव में सन्नाटा पसरा है। हर कोई ईश्वर से दुआ कर रहा है कि किसी और घर का चिराग यूं न बुझे।

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