दीपक अधिकारी
देहरादून। समान कार्य के लिए समान वेतन मामले में उपनल कर्मचारी की मांग पर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ एसएलपी को निरस्त करने के मामले में सैनिक कल्याण विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है।
प्रदेश भर में हजारों उपनल कर्मचारी विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। लंबे समय से उपनल कर्मी नियमितीकरण और समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग कर रहे हैं।
सरकार के एओआर अभिषेक आत्रेय ने 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने 12 नवंबर 2018 को उपनल द्वारा कार्यरत आउट सोर्स कर्मचारी को 1 साल के भीतर नियमित करने और न्यूनतम वेतन देने के आदेश दिए थे। सैनिक कल्याण विभाग का कहना है कि आउटसोर्सिंग अस्थाई व्यवस्था है। इसलिए नियमितीकरण संभव नहीं है। इस फैसले के खिलाफ सैनिक कल्याण विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। 6 साल की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को एसएलपी को निरस्त कर दिया था। अब पुनर्विचार याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट के सामने नए सिरे से सभी तथ्यों को रखा जाएगा।