दीपक अधिकारी
हल्द्वानी
हल्द्वानी। टैक्सी यूनियन और परिवहन विभाग के बीच विवाद गहराता जा रहा है। हाल ही में यूनियन द्वारा परिवहन आयुक्त को ज्ञापन भेजा गया, जिसमें विभाग पर “आदेशों की अवहेलना” और “अस्तित्वहीन वाहनों से राजस्व वसूली” का आरोप लगाया गया था। इन आरोपों पर संभागीय परिवहन कार्यालय ने कड़ा खंडन जारी किया है। संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) संदीप सैनी ने स्पष्ट किया कि विभाग ने टैक्सी चालकों को कई बार निर्देशित किया है कि वे “नो पार्किंग जोन” और रोडवेज स्टैंड से सवारियां न उठाएं। इसके बजाय, वे अपने अधिकृत स्टैंड या पार्किंग से संचालन करें। बावजूद इसके, यूनियन से जुड़े टैक्सी चालकों द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह यूनियन का दायित्व है कि वह अपने सदस्यों को अनुशासन में रखे ताकि जाम की स्थिति न बने और परिवहन विभाग अन्य वाहनों की निगरानी पर ध्यान केंद्रित कर सके।दूसरे आरोप पर, जिसमें “अस्तित्वहीन वाहनों से राजस्व वसूली” की बात कही गई है, विभाग ने बताया कि किसी भी वाहन का पंजीयन तब तक निरस्त नहीं होता जब तक उसकी प्रक्रिया पूरी न हो जाए। वाहन के पंजीयन से जुड़ा कर जब तक जमा नहीं होता, उसका अकाउंट बंद नहीं किया जा सकता। विभाग ने स्पष्ट किया कि यदि कोई वाहन अस्तित्व में नहीं है, तो इसकी सूचना विभाग को देनी होगी और एक अलग प्रक्रिया के तहत पंजीयन निरस्त किया जाएगा। परिवहन विभाग का कहना है कि टैक्स वसूली पूरी तरह उत्तराखंड कराधान अधिनियम 2012 और मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत की जा रही है। उन्होंने यूनियन को निर्देश दिया कि वह अपने पदाधिकारियों के साथ मिलकर नियमों का पालन सुनिश्चित करे ताकि किसी भी तरह के विवाद से बचा जा सके।