एम्बुलेंस नही मिली तो भाई के शव को टैक्सी की छत में रखकर पिथौरागढ़ ले गयी बहन, मुख्यमंत्री धामी ने दिए जाँच के आदेश

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दीपक अधिकारी

 

हल्द्वानी

 

एंबुलेंस वालों ने मांगे 12 हजार, टैक्सी की छत पर बांधकर भाई के शव को गांव ले जाने को मजबूर हुई शिवानी।पैसों के लालच में एक बार से मानवीय संवेदनाएं तार तार हुई हैं। मामला उत्तराखंड के हल्द्वानी का है, यहां एक युवक की आकस्मिक मौत हो गई। उसकी बहन शव को करीब 200 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ अपने घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस वालों से गुहार लगाती रही, कई एम्बुलेंस वालों के चक्कर काटने के बाद किसी ने 10 हजार, तो कोई 12 हजार की डिमांड करता रहा। बहन ने अपनी गरीबी और लाचारी का हवाला दिया लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा, मजबूरन पिथौरागढ़ जा रही टैक्सी की छत पर बांधकर वो अपने भाई के शव को ले गई। बेरीनाग के तमोली गिर निवासी शिवानी हल्द्वानी में एक कंपनी में काम करती है, कुछ समय पहले उसने अपने 20 साल के भाई अभिषेक को भी काम पर बुला लिया। दोनों हल्दूचौड़ में किराए पर रहने लगे। लेकिन शुक्रवार को काम पर जाने के बाद अभिषेक की तबीयत अचानक खराब हो गई। सर में तेज दर्द होने के कारण वह कमरे पर वापस लौट गया। शिवानी ने उसे कई बार फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया, भाई का फोन रिसीव न होने से परेशान शिवानी अपने कमरे में पहुंची तो वहां उसे दवाइयां बिखरी मिली, घर पर कोई नहीं था। दोपहर ढाई बजे शिवानी को पुलिस का फोन आया कि उसका भाई रेलवे की पटरी पर बेसुध पड़ा है। पुलिस की मदद से शिवानी अभिषेक को अस्पताल ले गई, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। भाई के अकस्मात निधन से बदहवास शिवानी परेशान हो गयी और उसने कई एंबुलेंस वालों से शव घर पहुंचाने की विनती की लेकिन वो 10 हजार से 12 हजार रुपए लेने पर अड़े रहे। शिवानी ने अपनी गरीबी और मजबूरी का भी हवाला दिया लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। मजबूरन पिथौरागढ़ जाने वाली एक टैक्सी की छत पर शव को बांधकर ले जाना पड़ा उधर मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ने स्वास्थ्य सचिव को जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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