दीपक अधिकारी


हल्द्वानी
हल्द्वानी में वर्ष 2014 में हल्द्वानी में हुई 7 वर्षीय मासूम काशिश हत्याकांड से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से आरोपी को बरी करने के बाद पूरे प्रदेश में इस फैसले को लेकर पूरे प्रदेश में लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है. हत्याकांड के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से निर्दोष साबित होने के बाद हल्द्वानी में भी लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है.गुरुवार को बड़ी संख्या में सामाजिक संगठन और स्थानीय लोग के साथ-साथ उत्तराखंड लोक कलाकार भी शामिल हुए जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले और आरोपी को फांसी की सजा को मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर सरकार और सिस्टम के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करते हुए आरोपी को फांसी की सजा की मांग की. हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में बड़ी संख्या में सामाजिक संगठन और लोक कलाकार के साथ-साथ स्थानीय लोग धरना प्रदर्शन किया. धरना स्थल बुद्ध पार्क से प्रदर्शनकारी एसडीएम कोर्ट तक जाने की कोशिश करने लगे इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में जमकर नोक झोंक भी हुई. जहां पुलिस ने उनको रोकने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारियों के आगे पुलिस की एक नहीं चली और सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर पहुंचकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कर पूरे मामले में आरोपी फांसी की सजा की मांग प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पीड़िता परिवार और स्थानीय जनता बेहद निराश और आक्रोशित है. कशिश के न्याय के लिए जनसैलाब सड़कों पर उमड़ा है 2014 में मासूम बच्ची की निर्मम हत्या ने हर किसी को झकझोर दिया था इस घटना को लेकर लोगों की अपेक्षा थी कि सुप्रीम कोर्ट पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए कठोरतम फैसला सुनाएगा लेकिन अदालत के हालिया आदेश ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया इसी वजह से गुस्सा सड़कों पर साफ दिखाई दे रहा है लोगों का कहना है कि यह फैसला न्यायपालिका पर सवाल खड़े करता है. प्रदर्शन में हल्द्वानी विधायक सुमित हिर्देश के अलावा उत्तराखंड की मशहूर लोक कलाकार श्वेता महरा, इंदर आर्य, प्रियंका मेहरा गोविंद दिगारी के अलावा कोई कलाकार मौजूद थे. किस दौरान महिलाओं हाथों में बैनर लेकर जमकर प्रदर्शन किया. महिलाओं में खासा आक्रोश देखा गया गौरतलब है कि नवंबर 2014 में पिथौरागढ़ की 7 वर्षीय मासूम कशिश अपने परिवार के साथ काठगोदाम में एक रिश्तेदार के यहां शादी में आई थी. एक दिन कशिश लापता हो गई करीब पांच दिन बाद कशिश का शव गौला नदी के किनारे लगभग 500 मीटर दूर जंगलों में मिला था जांच में पता चला कि बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और बाद में उसकी निर्मम हत्या की गई. मामले ने पूरे क्षेत्र में भारी आक्रोश पैदा कर दिया जगह-जगह धरना प्रदर्शन भी हुए खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी मौके पर आकर लोगों को शांत कराना पड़ा.पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को नामजद किया बाद में एक आरोपी मसीह को दोषमुक्त कर दिया गया जबकि मुख्य आरोपी अख्तर अली को पोक्सो अधिनियम और आईपीसी की धारा 376 के तहत दोषी करार देते हुए कोर्ट मौत की सजा सुनाई गई दूसरे आरोपी प्रेमपाल को पांच साल कैद और जुर्माना लगाया गया पूरे मामले में आरोपी पक्ष ने मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती अभी जहां सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी अख्तर अली को सबूतो के भाव में बरी कर दिया है.
बाइट- आंदोलनकारी रेंडम चला दीजिएगा
