नोट निगले, मगर नहीं बची पटवारी, विजिलेंस का एक्शन

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

जाति व निवास प्रमाण पत्र बनवाने के एवज में मांगी थी घूस, मेडिकल जांच में जुटी विजिलेंस टीम

देहरादून। मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र बनवाने के एवज में दो हजार रुपये की रिश्वत मांगना एक पटवारी को भारी पड़ गया। तहसील कालसी में तैनात पटवारी गुलशन हैदर को विजिलेंस की ट्रैप टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार होते ही आरोपी पटवारी ने रिश्वत के रूप में प्राप्त ₹2000 (500-500 रुपये के चार नोट) निगल लिए ताकि कानूनी कार्रवाई से बच सके। हालांकि, विजिलेंस टीम ने तत्परता दिखाते हुए उसे तत्काल निकटवर्ती स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों की राय पर उसका अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन कराया गया। घटना 26 मई 2025 की है जब सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर देहरादून की विजिलेंस ट्रैप टीम ने शिकायत मिलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की। शिकायतकर्ता ने बताया था कि प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया के लिए पटवारी गुलशन हैदर ने उससे ₹2000 की मांग की थी। मामले की पुष्टि होते ही विजिलेंस टीम ने जाल बिछाकर आरोपी को पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी द्वारा नोट निगलने की हरकत ने पूरे घटनाक्रम को और सनसनीखेज बना दिया। विजिलेंस की ओर से बताया गया कि आरोपी का मेडिकल परीक्षण कराया गया है, और परीक्षण रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। मामले की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग, घूस लेने के बाद हाथ धोने की रासायनिक जांच रिपोर्ट और स्वतंत्र गवाहों की गवाही के आधार पर आरोपी के विरुद्ध थाना विजिलेंस सैक्टर देहरादून में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) की धारा 7 एवं भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 238 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 27 मई को आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वर्तमान में वह जिला कारागार देहरादून में निरुद्ध है। विजिलेंस विभाग ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही उस खबर को भी भ्रामक और झूठा बताया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि पटवारी गुलशन हैदर को जमानत पर छोड़ दिया गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि आरोपी अभी न्यायिक अभिरक्षा में है और किसी भी खबर के प्रकाशन से पहले तथ्यात्मक पुष्टि करना जरूरी है।

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