डीएम जनदर्शन में फूटा जनआक्रोश: फर्जी ऋण से लेकर अवैध कब्जों तक पर कड़ी कार्रवाई, 102 शिकायतें सुनीं, कई मामलों का मौके पर निपटारा

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

देहरादून। जनभावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने सोमवार को ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में 102 लोगों की समस्याएं सुनीं। भूमि विवाद, सीमांकन, वित्तीय धोखाधड़ी, घरेलू हिंसा, प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर, आर्थिक सहायता और ऋण से जुड़े मामलों में डीएम ने कई शिकायतों का तत्काल समाधान कराया, जबकि अन्य को विभागीय कार्रवाई के लिए अग्रसारित किया। डीएम ने स्पष्ट कहा कि जनता के हित में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनदर्शन में सबसे गंभीर मामला स्वयं सहायता समूह की चार महिलाओं से जुड़ा सामने आया, जिनकी पहचान का दुरुपयोग कर किसी अन्य महिला द्वारा 5 लाख का लोन ले लिया गया था। इस वित्तीय धोखाधड़ी पर डीएम बंसल ने सख्त रुख अपनाते हुए अपराधियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए।सेलाकुई की सरिता देवी ने भूमाफियाओं द्वारा उनकी रजिस्ट्री भूमि पर जबरन कब्जा और रास्ता बंद करने की शिकायत की, जिस पर डीएम ने एसडीएम विकासनगर को त्वरित जांच के आदेश दिए। इसी बीच मजदूरी करने वाले पप्पू कुमार की कहानी ने सभी को झकझोर दिया कर्ज की किश्तें समय से भरने के बावजूद बैंक ने उनकी संपत्ति बेचने का नोटिस थमा दिया। डीएम ने मामले में एलडीएम को तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। ग्राम मैन्द्रथ के ग्रामीणों ने पूर्व प्रधान पर सरकारी संपत्तियों के निजी उपयोग और निर्माण कार्यों में अनियमितता के आरोप लगाए, जिस पर डीएम ने सीडीओ को जांच समिति बनाकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। जनदर्शन में बुजुर्गों और असहाय महिलाओं की समस्याओं ने भी प्रशासन का ध्यान खींचा। किरायेदार द्वारा मकान पर ताला लगाकर फरार होने की शिकायत पर डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट को बुजुर्ग महिला को उसका मकान खाली कराकर दिलाने के आदेश दिए। अतिवृष्टि में घर बह जाने, कैंसर इलाज, बेटी की पढ़ाई के खर्च और शादी के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लगाने वाली कई महिलाओं की अरजियों पर भी डीएम ने संवेदनशीलता दिखाते हुए एसडीएम और तहसील प्रशासन को त्वरित जांच कर सहायता उपलब्ध कराने को कहा। परिवार रजिस्टर में नाम न होने से कानूनी अधिकारों से वंचित विधवा पूर्णकला खत्री की शिकायत पर डीएम ने डीपीआरओ को तुरंत सुधार करवाने के निर्देश दिए, जिससे उन्हें संपत्ति पर वैध अधिकार मिल सके। जन्म प्रमाण पत्र, सीवर लाइन कनेक्शन, सड़क निर्माण, अवैध कब्जों और विद्यालय भूमि के रिकॉर्ड से जुड़ी कई शिकायतों को भी विभागीय अधिकारियों को तेजी से निस्तारित करने का आदेश दिया गया।

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