ऐपण कला से आत्मनिर्भर बनी रानीबाग की प्रियंका, सरस मेले से शुरू हुआ सफर, बनीं लखपति दीदी

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

हल्द्वानी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर प्रदेशभर में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से लखपति दीदी योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है। इसी क्रम में नैनीताल जिले की महिलाएं भी अब स्वरोजगार की राह पकड़कर सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत नैनीताल जिले में अब तक करीब 13,300 महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक है। यह आंकड़ा न सिर्फ योजना की सफलता का परिचायक है, बल्कि ग्रामीण अंचलों में महिलाओं के बदलते सामाजिक और आर्थिक स्थान को भी दर्शाता है।ग्राम पंचायत रानीबाग की रहने वाली प्रियंका गोस्वामी ने भी इसी योजना के तहत आत्मनिर्भरता की राह पकड़ी है। प्रियंका बचपन से ऐपण कला में रुचि रखती थीं। कुछ अलग करने की सोच लेकर उन्होंने ‘मां गौरा आजीविका समूह’ से जुड़ाव स्थापित किया और छोटे-छोटे ऋण लेकर ऐपण पेंटिंग व मोमबत्ती निर्माण जैसे घरेलू उद्योग शुरू किए।शुरुआती दौर में चुनौतियां सामने आईं, लेकिन प्रियंका ने हार नहीं मानी। धीरे-धीरे उनके उत्पादों को बाजार में पहचान मिली। सरस मेलों व स्थानीय आयोजनों में स्टॉल लगाकर उन्होंने अपने उत्पादों की बिक्री शुरू की। आज उनकी वार्षिक आय ₹2 लाख से अधिक है। इतना ही नहीं, वह अब युवा पीढ़ी को ऐपण कला का प्रशिक्षण भी दे रही हैं, जिससे अन्य महिलाएं भी रोजगार के लिए प्रेरित हो रही हैं।प्रियंका गोस्वामी ने लखपति दीदी योजना के माध्यम से सशक्त बनने पर सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना महिलाओं के जीवन में आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मविश्वास का नया संचार कर रही है।

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