दीपक अधिकारी
हल्द्वानी
हल्द्वानी नगर में सड़क दुर्घटनाओ पर लगाम लगाने और ट्राफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए नगर के विभिन्न चौराहा के साथ-साथ बरेली-नैनीताल मोटर मार्ग के रोडवेज स्टेशन से मंगल पड़ाव तक के चौड़ीकरण की ज़रूरत को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा पहल की गई। लोक निर्माण विभाग द्वारा इसकी कार्य योजना बनाकर शासन को भेजा गया। शासन द्वारा 1689.59 लाख रुपए स्वीकृत किए गए। नगर के विभिन्न स्थानों पर 10-10 मीटर दोनों ओर डामर रोड तथा दो मीटर फुटपाथ नाली, बिजली के पोल, पेयजल लाइन इत्यादि के लिए प्रस्तावित किया गया। इसके तहत सभी संबंधित व्यक्तियों को प्रशासन द्वारा कुल चार बार नोटिस/सार्वजनिक सूचना देकर अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा सभी का पक्ष सुना गया।इसके बाद मंगल पड़ाव से रोडवेज के मध्य दिए गए नोटिस में मात्र 09 व्यक्ति ही फ्री होल्ड एवं भूमिधर की श्रेणी की भूमि पर काबिज पाए गए। जिनको प्रशासन द्वारा मुआवजा देने की संस्तुति की है। शेष अन्य के द्वारा राज्य सरकार की भूमि पर अतिक्रमण कर संरचनाएं बनाए जाना पाया गया।प्रशासन द्वारा सरकारी संपत्तियों को 12 मीटर तक हटा दिया गया है। मामले में प्रशासन ने बताया कि मंगल पड़ाव से रोडवेज के मध्य अधिकांश प्राइवेट भवनों का मात्र आशिक भाग ही चौड़ीकरण की जद में आ रहा है। पूरी तरह से केवल नगर निगम की 12 दुकाने एवं 8 निजी दुकाने प्रभावित हो रही है जो 12 मीटर की परिधि में आ रही है। जबकि शेष सभी भवनों का आंशिक भाग हीजिससे स्पष्ट है कि इससे प्रभावित होने वाले व्यापारियों की संख्या मात्र 20 के आसपास है। जिस कारण शेष लोगों की आजीविका पर किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ रहा है। हल्द्वानी का सदर बाजार कुमाऊं का मुख्य बाजार है जहाँ प्रतिदिन हजारों लोगों की नियमित खरीदारी के लिए आते है। हलद्वानी नगर कुमाऊं का प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है जिस कारण इस क्षेत्र में संकरी सड़क होने के कारण अत्यधिक जाम से जूझना पड़ता है। जहां पर हल्द्वानी के दो बड़े अस्पताल भी स्तिथ है। लोक निर्माण विभाग के सर्वे के अनुसार उक्त मार्ग में 44641 PCU (पैसेंजर कार यूनिट) पाए गए। जो पर्यटन सीजन में बढ़कर 50000 से अधिक हो जाते हैं। परिवहन मंत्रालय के अनुसार 15000 PCU होने पर सड़क को चार लेन किया जाने का मानक है।प्रशासन के मुताबिक पूर्व में सड़क के इसी भाग में ट्रैफिक जाम को देखते हुए ओवरब्रिज बनाने के भी प्रयास किये गए थे परंतु तत्समय भी व्यापारियों द्वारा इसका विरोध किया गया था जिसके बाद यह विचार त्याग दिया गया था। इसलिए जनहित एवं भविष्य की आवश्यकताओं तथा हल्द्वानी के विकास के हिसाब से भी चौड़ीकरण जरूरी हो गया है।