लोकसभा में उत्तराखंड के अस्पतालों पर सवाल, केंद्र ने दी विस्तृत जानकारी

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

लोकसभा सत्र के दौरान नैनीताल–उधम सिंह नगर से सांसद व पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों की दयनीय स्थिति और केंद्र द्वारा दिए जा रहे बजट व योजनाओं पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से सवाल पूछा।

जवाब में नड्डा ने कहा कि जन स्वास्थ्य राज्य का विषय है, लेकिन केंद्र सरकार आईएचएस 2022 मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए राज्यों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

 

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार—

 

उत्तराखंड के सभी सरकारी अस्पताल IPHS 2022 के अनुसार सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।

स्वास्थ्य अवसंरचना व मानव संसाधन से जुड़े जिलेवार आंकड़े ‘हेल्थ डायनेमिक्स ऑफ इंडिया 2022–23’ में उपलब्ध हैं।

NHM के तहत राज्य में 2,355 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) सक्रिय हैं, जहाँ 12 पैकेजों के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

फ्री डायग्नॉस्टिक सर्विसेज योजना के तहत PHC से जिला अस्पताल स्तर तक 14 से 134 तक विभिन्न जांचों के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है।

अवसंरचना विकास के लिए—

 

PM-ABHIM के तहत 2021–22 से 2025–26 तक उत्तराखंड को ₹215.79 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 5 क्रिटिकल केयर ब्लॉक और 13 जिला जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाएँ शामिल हैं।

15वें वित्त आयोग द्वारा 2021–26 के लिए ₹797.09 करोड़ का अनुदान सुझाया गया है।

ECRP-II के तहत 2021–22 में राज्य को ₹433.35 करोड़ दिए गए।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ बेहतर करने के लिए सरकार ने फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम (FAP), जिला रेजिडेंसी प्रोग्राम, दुर्गम क्षेत्र भत्ता, और “आप बताएं, हम भुगतान करें” जैसी पहलें लागू की हैं, ताकि विशेषज्ञ डॉक्टरों को दूरस्थ क्षेत्रों में सेवा के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

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