दीपक अधिकारी


हल्द्वानी
नैनीताल। पौड़ी गढ़वाल में अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, श्रीनगर के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर को लेकर राज्यभर के अभियंता लामबंद हो गए हैं। अभियंताओं ने इसे जिलाधिकारी की हठधर्मिता और द्वेषपूर्ण कार्रवाई करार देते हुए कड़ी नाराजगी जताई है। गुरुवार को उत्तराखंड इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत को ज्ञापन सौंपते हुए स्पष्ट कहा कि यदि एफआईआर तत्काल निरस्त नहीं की गई और दोषी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। ज्ञापन में अभियंताओं ने आरोप लगाया कि 11 सितंबर 2025 को श्रीनगर-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा भारी बारिश और भूस्खलन के कारण वाशआउट हो गया था। इस आपदा जैसी परिस्थिति में अधिशासी अभियंता और उनकी टीम ने जान जोखिम में डालकर पोकलैंड मशीनों से मार्ग खोलने का कार्य किया। बावजूद इसके, जिलाधिकारी पौड़ी ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की आड़ लेकर अभियंता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवा दी, जो न केवल अनुचित बल्कि आपदा राहत कार्यों को बाधित करने वाली कार्रवाई है।फेडरेशन ने ज्ञापन में चेतावनी दी कि यदि 16 सितंबर तक अभियंताओं की मांगे पूरी नहीं हुईं, तो वे कार्य बहिष्कार पर जाने को मजबूर होंगे। अभियंताओं ने मांग की कि एफआईआर तुरंत निरस्त की जाए, जिलाधिकारी पौड़ी पर विभागीय कार्रवाई हो और यदि उनके आदेशों से आपदा राहत कार्य बाधित होते हैं तो आपदा प्रबंधन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि जिलाधिकारी जैसे संवेदनशील पदों पर ऐसे अधिकारियों की तैनाती होनी चाहिए जो धरातल की वास्तविकताओं से परिचित हों और आपदा जैसी परिस्थितियों में विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर कुशलतापूर्वक काम कर सकें। इस मौके पर मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग इं. पी.एस. बृजवाल, इं. मनोहर धर्मसत्तू, इं. रत्नेश सक्सेना, इं. कृष्ण कुमार, इं. के.के. पाठक, इं. प्रवीण कुमार, इं. पीसी पंत, इं. किशोर कुमार, इं. मनोज पांडे, इं. राजेंद्र गिरी और इं. विजय बिष्ट सहित बड़ी संख्या में अभियंता मौजूद रहे।
