
दीपक अधिकारी

कालाढूंगी
चकलुवा में निहाल नाले में रिवर ड्रेजिंग की सुबगुहाट होते ही ग्रामीणों में विरोध शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने निहाल नाले रिवर ड्रेजिंग नीति का विरोध करते कालाढूंगी तहसील पहुंचकर हो रहे टेंडर को रुकवाया वह नारेबाजी भी की किसान और ग्रामीणों ने कहा नाले में खनन हुआ तो चार गांव पूरी तरह नाले की चपेट में तबाह हो जायेगें निवर्तमान क्षेत्र पंचायत सदस्य संगठन के जिलाध्यक्ष गंगा सामंत के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीणों ने तहसील परिसर में पहुंचकर रिवर ड्रेजिंग निति का विरोध करते हुए नारेबाजी की कहा की रामपुर,खडकपुर,लच्छमपुर व प्रतापपुर गांव निहाल नाले की चपेट में बीते बरसात में किसानों की कई एकड जमीन व चार मकानों बह गये है उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में भी नदी से रिवर ड्रेजिंग का टैंडर हुआ था। जिसका ग्रामीणों ने खुलकर विरोध किया था जिसके बाद शासन-प्रशासन को बैकफुट पर आना पडा था। किसानों ने कहा नाले के आसपास दो दर्जन से अधिक मकान है खनन होने से बरसात के दौरान आसपास के घरों को कृषि भूमि का भू-कटाव हो रहा है। सामंत ने प्रशासन से कालाढूंगी रेंज के जंगल में कालीगाढ नाले व निहाल नाले में चुगान कराने की मांग की है। जिससे नाले रूख गांव को नहीं होगा व स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलगा। काश्तकारों ने एक स्वर में कहा नाले में रिवर ट्रेजिंग का कार्य शुरू किया जायेगा तो हम लोग आंदोलन को बाध्य होगें।





