
दीपक अधिकारी

हल्द्वानी
बदलते दौर के साथ मोहब्बत का मुकाम भी बदलता जा रहा है. पहले प्यार कितना खूबसूरत अहसास होता था , जिसे चाहो, उसे चुपके-चुपके याद करो और मुस्कुराते रहो. लेकिन आज के दौर में मोहब्बत ‘लाल इश्क’ से आगे बढ़कर ‘फरार इश्क’ हो चुकी है. मतलब, मोहब्बत के नाम पर तमाम ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जिन्हें जानकर न सिर्फ आप सिर पीट लेंगे, बल्कि हर गुजरते दिन के साथ ढहती सामाजिक मर्यादाओं पर शर्मिंदा हो जाएंगे. बीते दिनों अलीगढ़, मेरठ और बरेली से सामने आई घटनाओं के बाद अब मोहब्बत का स्टीकर चिपकाकर बदायूं में एक महिला अपनी बेटी के ससुर के साथ फरार हो गई.महिला का पति ट्रक ड्राइवर है, जो अक्सर बाहर रहता है. उसकी गैरमौजूदगी में पत्नी समधी को घर बुलाती थी. इसी बीच महिला का समधी से रिश्ता गहराता गया और दोनों ने साथ रहने का फैसला कर लिया महिला के पति बदायूं दातागंज निवासी का कहना है कि वो ट्रक ड्राइवर है. इस कारण घर पर कम ही रहता है. पत्नी को जब भी जरूरत होती थी, पैसे भेज दिया करता था. मेरे पीठ पीछे पत्नी समधी को बुलाती थी. आरोपी रोडवेज बस का सरकारी ड्राइवर है. इस बार भी पत्नी ने समधी को बुलाया और उसके साथ फरार हो गई. पति का कहना है कि उसकी पत्नी पहले भी तीन बार समधी के साथ भाग चुकी है. इसके बाद भी पत्नी को घर में रखा, लेकिन, उसमें कोई सुधार नहीं हुआ. इसी बीच मुझे पत्नी के फिर से फरार होने की खबर मिली.महिला के पड़ोसियों ने बताया कि उसके समधी का आना-जाना लगा रहता था, लेकिन रिश्तेदार समझकर किसी ने आपत्ति नहीं जताई. वो रात को आता था और सुबह निकल जाता था. हमें तो यही लगता था रिश्तेदार है, क्या कहें.




