
दीपक अधिकारी

हल्द्वानी
देहरादून। देहरादून में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए चल रही संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. अनीता चमोला की मुहिम का असर अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। शहर के कई प्रमुख मार्गों पर संचालित नगर बसों और विक्रम-मैजिक वाहनों के स्वामियों ने न केवल अपने वाहनों की सफाई पर ध्यान दिया है, बल्कि स्वीकृत क्षमता के अनुसार ही सवारियों को बैठाना भी शुरू कर दिया है। राजपुर से परेड ग्राउंड तक संचालित 10 सीटर वाहनों और विक्रमों की स्थिति तुलनात्मक रूप से सुधरी है, जबकि कुछ अन्य मार्गों पर अब भी ओवरलोडिंग की शिकायतें सामने आई हैं। ऐसे मामलों में डॉ. चमोला ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में कोई वाहन ओवरलोड पाया गया, तो उसके खिलाफ प्रवर्तन की कठोर कार्रवाई के साथ-साथ परमिट निरस्त करने की संस्तुति भी की जाएगी। सार्वजनिक परिवहन की निगरानी के उद्देश्य से विभागीय कर्मचारियों को हर गुरुवार निजी वाहनों के स्थान पर सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है, ताकि वे स्वयं सेवा की गुणवत्ता का निरीक्षण कर सकें और शिकायतों की पहचान कर सकें। इस दौरान कई कमियाँ भी उजागर हुईं। प्रशासनिक अधिकारी विनोद चमोली ने बताया कि डोईवाला मार्ग पर संचालित वाहन संख्या UA07M 0525 के परिचालक ने टिकट की मांग के बावजूद यात्रियों को टिकट उपलब्ध नहीं कराया। इसी तरह बृजमोहन रावत को भी बस संख्या UK07PA 4320 में टिकट नहीं दी गई। इन मामलों में संबंधित वाहन स्वामियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। चमोली ने यह भी बताया कि नवादा तक चलने वाली 10 सीटर मंजिली वाहनों में से कई वाहन केवल रिस्पना पुल तक ही संचालन कर रहे हैं और अपने निर्धारित मार्गों को नहीं पूरा कर रहे। वाहन संख्या UK07PA 5358 के स्वामी द्वारा सीट में अवैध परिवर्तन भी पाया गया, जिस पर चालान करते हुए 7 दिन के भीतर वाहन को दुरुस्त कर प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया गया है। डॉ. अनीता चमोला ने साफ किया कि यदि किसी वाहन की भौतिक या यांत्रिक स्थिति खराब पाई जाती है तो उस पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी वाहन स्वामियों से अपील की है कि नियमों का पूर्ण पालन करें, ताकि शहर में एक सुरक्षित, सुलभ और अनुशासित सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था कायम की जा सके।




