

दीपक अधिकारी


हल्द्वानी
हल्द्वानी में सुभाष नगर निवासी ठेकेदार धनंजय गिरी की जमीन की नीलामी की तैयारी शुरू हो गई है। परगनाधिकारी और असिस्टेंट कलेक्टर प्रथम श्रेणी राहुल शाह की अदालत ने भूखंड की नीलामी के आदेश जारी कर दिए हैं। बताया गया है कि धनंजय गिरी से कुल 3 करोड़ 29 लाख 55 हजार रुपये की वसूली की जानी है।इसमें 28 लाख 52 हजार रुपये राज्य कर विभाग से और 3 करोड़ 1 लाख रुपये ब्रिडकुल (BRIDCUL) की ओर से बकाया हैं परगनाधिकारी ने बताया कि कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद धनंजय गिरी ने भुगतान नहीं किया, जिसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है धनंजय गिरी के नाम सुभाष नगर में 0.030 हेक्टेयर भूमि दर्ज है, जिसका मूल्यांकन 28 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से किया गया है। इस जमीन की कुल कीमत लगभग 84 लाख 37 हजार रुपये आंकी गई है। अब यह भूमि 20 अगस्त को हल्द्वानी तहसील परिसर में सुबह 11 बजे नीलाम की जाएगी धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज – धनंजय गिरी के खिलाफ वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी बीएल फिरमाल ने भी धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज करवाया है आरोप है कि गिरी ने अधिकारी को एक फ्लैट बेचने के नाम पर 5 लाख रुपये ले लिए, लेकिन बाद में पता चला कि जिस फ्लैट की डील हुई थी, उस पर पहले से बैंक का लोन चल रहा है। काठगोदाम थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है इसके अलावा, धनंजय गिरी पर पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। सूत्रों के अनुसार, वह पूर्व में ठेकेदारी करता था और प्रशासनिक व राजनीतिक संपर्कों के चलते प्रभावशाली माना जाता रहा है। फिलहाल वह फरार बताया जा रहा है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि धनंजय गिरी द्वारा बैंक मैनेजरो वो बैंक कर्मचारियों की मिली भगत से कई बार लोन भी लिए गए है आखिरकार आम जनता के लिए बैंक के अधिकारियों द्वारा किस तरह से कई दस्तावेज की जांच होती हैं और आम जनता को बैंक में दरबदर की ठोके खानी पड़ती है आखिर कर बैंक में बैठे अधिकारियों द्वारा क्या हल्द्वानी के लोगों को लूटा जा रहा है क्या हल्द्वानी शहर में खुले हुए बैंक धनंजय जैसी ठेकेदारों के लिए ही बने हैं जिनकी ऊंची पहुंच और ऊंची पहचान से उनको जात से बैंकों में सारे काम हो जाते हैं क्या कई ऐसे धनंजय जैसे ठेकेदार अभी भी हल्द्वानी शहर में घूम रहे हैं जब अधिकारियों को लगने लगा चुनाव तब प्रशासन जागा कुंभकरण की निंद तभी बैंक के अधिकारियों द्वारा इसी तरह के काम करने के हौसले बुलंद होते हैं क्या आखिरकार ऐसे बैंक प्रबंधकों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई हो पाएगी या खाली नीलामी करके लोगों को आश्वासन दिया जाएगा कि ऐसा भी प्रशासन द्वारा काम किया जा सकता है अगर बैंक के अधिकारियों पर कोई कार्रवाई हो तो जनता को साफ तौर पर लगेगा कि प्रशासन द्वारा करवाया की जाती हैं



