सुप्रीम कोर्ट ने PNB को लगाई फटकार — नीलामी के बाद उधारकर्ता से समझौता करने पर जताई नाराज़गी, हल्द्वानी के PNB बैंक पर भी उठे सवाल

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

नई दिल्ली / हल्द्वानी – पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह “खेदजनक स्थिति” है कि बैंक ने संपत्ति की नीलामी के बाद भी उधारकर्ता से समझौता किया। अदालत ने टिप्पणी की कि इस तरह की कार्रवाइयाँ नीलामी की विश्वसनीयता को खत्म कर देंगी जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और संदीप मेहता की खंडपीठ ने PNB को आदेश दिया कि वह 48 घंटे के भीतर हाईकोर्ट की याचिका वापस लेकर नीलामी खरीददार को अंतिम विक्रय प्रमाणपत्र जारी करे और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “राष्ट्रीयकृत बैंक आंख मूंदकर काम नहीं कर सकते, वरना जनता का भरोसा उठ जाएगा।”

 

हल्द्वानी – पीएनबी बैंक में घोटाले का आरोप,उठाए गंभीर

सवाल — बिल्डर और बैंक कर्मचारियों पर मिलीभगत का आरोप

इसी बीच, हल्द्वानी में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे हैं। शहर के सम्मानित नागरिक और एलआईसी में 35 वर्षों से सेवा दे रहे हरीश पांडे ने बैंक के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और बिल्डर से मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है।हरीश पांडे ने बताया कि उन्होंने 13 अप्रैल 2017 को दमुवाढूंगा स्थित वॉकवे मॉल के पीछे एक बिल्डर से फ्लैट खरीदा था। उसी प्रोजेक्ट में अन्य लोगों ने भी फ्लैट लिए थे। लेकिन, 22 मार्च 2018 को बैंक ने बिना किसी सूचना के उसी प्रॉपर्टी को फाइनेंस कर दिया, जबकि तब तक बिल्डर धनंजय गिरी आठ फ्लैट पहले ही बेच चुका था — जो बैंकिंग नियमों का सीधा उल्लंघन है।वर्ष 2020 में जब खरीदारों को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने बैंक को ईमेल भेजकर शिकायत की कि बिल्डर ने पहले से बेची गई संपत्ति पर दोबारा फाइनेंस करवाया है। हरीश पांडे ने आरोप लगाया कि यह बैंक अधिकारियों और बिल्डर की मिलीभगत से हुआ है मामले की शिकायत देहरादून स्थित पीएनबी के ज़ोनल मैनेजर (ZM) से भी की गई और सभी दस्तावेज़ दिखाए गए, लेकिन आज तक किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई हरीश पांडे ने बताया कि उन्होंने एसएसपी को भी इस संबंध में लिखित शिकायत दी है, परंतु बैंक की ओर से चुप्पी बनी हुई है। उनका कहना है कि ऐसे अधिकारी बैंक की साख को नुकसान पहुंचा रहे हैं और ईमानदार ग्राहकों के साथ अन्याय कर रहे हैं।उन्होंने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर बैंक अधिकारियों और बिल्डर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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