हल्द्वानी (गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड) उत्कर्ष में जश्न का माहौल, 50 में से 41 छात्रों ने जेईई मेन्स परीक्षा पास की

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

हल्द्वानी में गैल (गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड) उत्कर्ष सुपर 50 अपने छात्रों की सफलता का जश्न मना रहा है, 41 स्टूडेंट ने जी एडवांस 2025 के लिए क्वालीफाई किया है, गेल उत्कर्ष हल्द्वानी केंद्र इस वर्ष भी सफलता की नई कहानी लिख चुका है। गेल (इंडिया) लिमिटेड की इस सीएसआर पहल के तहत चल रहे इस केंद्र से 50 में से 41 छात्रों ने जेईई मेन्स 2025 की परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की है, सीएसआरएल एक शैक्षिक एनजीओ है जो गरीब और मेधावी छात्रों को गैल उत्कर्ष सुपर 50 परियोजना के तहत निशुल्क कोचिंग प्रदान कर देश के अंदर आईआईटी और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में इंजीनियरिंग करने का अवसर प्रदान करती है।

ऐसे होता है गरीब और मेधावी छात्रों का चयनः

गरीब और मेधावी बच्चों का चयन लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और सख्त आर्थिक मानदंडों ( माता-पिता की वार्षिक आय 4 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होने के साथ) के आधार पर किया जाता है। उनमें से ज्यादातर ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं। इसके बाद छात्रों को एक वर्ष की निःशुल्क आवासीय कोचिंग प्रदान की जाती है, जेईई की निशुल्क कोचिंग के लिए बच्चे का फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथ बैकग्राउंड से होना जरूरी है।

गेल इंडिया लिमिटेड क्या है:

(गैल) गेल इंडिया लिमिटेड भारत की एक प्रमुख प्राकृतिक गैस कंपनी है जो कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए प्रतिबद्ध है। गेल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सतत विकास पर केंद्रित विभिन्न पहलों का समर्थन करता है।

सीएसआरएल-ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स एक प्रमुख शैक्षिक एनजीओ है जो शिक्षा को बढ़ावा देता है और वंचित छात्रों को सशक्त बनाता है।

नवीन कार्यक्रमों और सहयोग के माध्यम से, सीएसआरएल शैक्षिक अंतराल को पाटने और सभी के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने का प्रयास करता है गेल उत्कर्ष हल्द्वानी केंद्र की शुरुआत 2018 में हुई थी और यह केंद्र अब तक 237 छात्रों को गुणवत्तापूर्ण तैयारी का अवसर दे चुका है यहां लड़के और लड़कियों दोनों को 11 महीने की निःशुल्क आवासीय कोचिंग दी जाती है, जिससे वे इंजीनियरिंग की कठिन प्रवेश परीक्षाओं के लिए पूरी तैयारी कर सकें। इस योजना के तहत अभी तक गेल उत्कर्ष सुपर-50 से 22 बच्चे आईआईटी, 47 बच्चे एनआईटी जा चुके है, कुल अभी तक 237 बच्चो में से 220 बच्चे उच्च शिक्षण संस्थान में प्रवेश पा चुके हैं।

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