नगर निकायों की लापरवाही पर सख्त हुए DM, स्वच्छता प्रबंधन में सुधार के दिए निर्देश

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

गोपेश्वर में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक, नदियों को गंदगी से बचाने पर कड़ी चेतावनी

गोपेश्वर। चमोली जिले में नगर निकायों की कार्यशैली को लेकर जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कड़ा रुख अपनाया है। जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक के दौरान ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, एसएलएफ (सैनिटरी लैंडफिल) और एमआरएफ (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) साइट की समीक्षा करते हुए डीएम ने स्पष्ट कहा कि नदियों में कूड़े और गंदे जल के प्रवाह को रोकने में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में गोपेश्वर नगर निकाय के अधिशासी अधिकारी द्वारा जरूरी जानकारी प्रस्तुत न करने पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति सचिव शहरी विकास को भेजने के निर्देश दिए। साथ ही कर्णप्रयाग निकाय से संबंधित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रस्ताव की त्वरित प्रस्तुति तीन प्रतियों में करने को कहा गया।डीएम ने गैरसैंण के अधिशासी अधिकारी को 1.90 करोड़ की डीपीआर प्रस्तुत करने और उपजिलाधिकारी को एमआरएफ सेंटर का निरीक्षण कर प्रगति रिपोर्ट देने के आदेश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि एसएलएफ और एमआरएफ के लिए आवंटित भूमि का उपयोग तयशुदा उद्देश्य के लिए नहीं किया जा रहा है, तो संबंधित उपजिलाधिकारी जांच कर उसे वापस लें। जिलाधिकारी ने सभी अधिशासी अधिकारियों को दो टूक कहा कि नगर क्षेत्रों में ठोस एवं गीले कूड़े का वैज्ञानिक निस्तारण अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। उन्होंने चेताया कि नदियों की सफाई व पर्यावरण संतुलन की जिम्मेदारी निकायों पर है और किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी, उपजिलाधिकारी आर. के. पांडे सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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