नैनीताल जिले में मचा हड़कंप कई जगहों पर आपदा और लोगों की फसें होने की सूचना,निकला मॉक ड्रिल

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

नैनीताल जिले के अलग-अलग क्षेत्र में सोमवार सुबह-सुबह हड़कंप मच गया जगह-जगह पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की गाड़ियों के साथ-साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ-साथ अग्निशमन की गाड़ियां सड़कों पर लालबत्ती और हूटर बजाते हुए दौड़ने लगी जिसके बाद लोगों में हड़कंप पहुंच गया. लोगों की समझ में नहीं आया कि सुबह-सुबह सड़कों पर पुलिस और जिला प्रशासन की गाड़ियां क्यों दौड़ रही है. लेकिन बाद में पता चला कि जिला प्रशासन आपदा के दृष्टिगत मॉक ड्रिल चल रहा है.मानसून सत्र में आपदा प्रबंधन तैयारियों को परखने के उद्देश्य से सोमवार सुबह नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील और लाल कुआं तहसील अंतर्गत सूचना मिली कि देवखड़ी नाले में बाढ़ जैसी पैदा हो गई है जहां कई लोग घायल हो चुके हैं. मॉक ड्रिल सूचना प्राप्त हुई कि मूसलधार बारिश के चलते सूखा पड़ा नाला अचानक उफान पर आ गया है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है सूचना मिलते ही जिला आपदा नियंत्रण कक्ष नैनीताल और तहसील स्तरीय आईआरएस (इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम) टीम सक्रिय हो गई। जिलाधिकारी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की अध्यक्ष वंदना ने आपदा परिचालन केंद्र से स्थिति की निगरानी करते हुए राहत व बचाव कार्यों को समयबद्ध और प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए हल्द्वानी तहसील कार्यालय में स्टेजिंग एरिया तैयार कर विभिन्न विभागों की टीमों को घटनास्थल की ओर रवाना किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान 6 ‘घायलों’ को नाले क्षेत्र से सुरक्षित निकाला गया, जिनमें से 4 को मौके पर प्राथमिक उपचार दिया गया, जबकि 2 गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से सुशीला तिवारी चिकित्सालय पहुंचाया गया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से जेसीबी मशीन की मदद से मलबा हटाने का कार्य भी किया गया, जिससे रास्ते को साफ कर राहत पहुंचाई जा सके. मॉक ड्रिल में जनहानि शून्य रही आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से संपूर्ण राहत-बचाव कार्यों की निगरानी की गई और सभी विभागों के बीच समन्वय का सफल परीक्षण किया गया प्रशासन की तैयारी संतोषजनक जिलाधिकारी वंदना ने मॉक अभ्यास के माध्यम से प्राप्त अनुभवों को आगामी संभावित आपदाओं से निपटने की रणनीति में उपयोगी बताते हुए सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आपदा की किसी भी वास्तविक स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया और संसाधनों की तत्काल उपलब्धता जनजीवन की रक्षा के लिए अनिवार्य है

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