मेडिकल कॉलेज में कुत्तों का आतंक, मुख्य वार्डन ने बधियाकरण की मांग उठाई

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके हमलों से लोग भयभीत हैं। बीते डेढ़ माह में दो छोटे बच्चों पर कुत्तों के हमले के बाद यह मुद्दा और गंभीर हो गया है। कॉलेज के मुख्य वार्डन डॉ. आरजी नौटियाल ने इस समस्या के समाधान के लिए सभी कुत्तों के 100% बधियाकरण और वैक्सीनेशन की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि उनकी संख्या को नियंत्रित किया जा सके और किसी की जान को खतरा न हो। डॉ. नौटियाल ने स्पष्ट किया कि किसी भी जानवर के प्रति क्रूरता अमानवीय और अनुचित है, लेकिन मेडिकल कॉलेज परिसर में कुत्तों की बेतहाशा बढ़ती संख्या से हालात चिंताजनक हो गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर इन कुत्तों का प्रजनन करा रहे हैं, जिससे परिसर में उनका आतंक बढ़ता जा रहा है। इस कारण न केवल छात्र-छात्राओं और स्टाफ को परेशानी हो रही है, बल्कि छोटे बच्चों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है।उन्होंने कहा कि अगर कुत्तों की संख्या को स्थिर कर दिया जाए तो उनकी देखभाल बेहतर तरीके से की जा सकती है, उन्हें अच्छा भोजन मिल सकता है और वे आक्रामक नहीं होंगे। लेकिन जब इनकी संख्या अनियंत्रित हो जाएगी और भोजन की कमी होगी, तो वे लोगों को काटने लगेंगे, जिससे लोगों में कुत्तों के प्रति आक्रोश बढ़ेगा और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी। हाल ही में दो बच्चों पर कुत्तों ने हमला किया, जिनमें से एक सात वर्षीय और दूसरा दो वर्षीय बच्चा शामिल है। इनमें से एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ, जिससे परिसर में भय का माहौल बन गया है। इस स्थिति से निपटने के लिए जल्द से जल्द बधियाकरण और टीकाकरण अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि परिसर में संतुलन बना रहे और मानव व पशु, दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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