हल्द्वानी जेल में कैदियों को मिल रही नई दिशा, गीता अध्ययन से लेकर डिग्री पाठ्यक्रम तक बढ़ाया आत्मनिर्भरता की ओर कदम

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

हल्द्वानी। उप कारागार हल्द्वानी में बंदियों के पुनर्वास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनेक सकारात्मक पहल की जा रही हैं। इसी क्रम में जेल परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम के तहत गीता गुंजन प्रमाण पत्र वितरित किए गए, जिसमें बंदियों को संस्कृत में गीता के श्लोकों का उच्चारण सिखाया गया। इस प्रशिक्षण में 25 कैदियों ने भाग लिया, जिनमें से तीन विजय कुमार, संतोष मीणा और शिवम विश्वकर्मा ने सफलता प्राप्त की। कार्यक्रम के दौरान जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार ने उन्हें प्रमाण पत्र देकर उनके प्रयासों की सराहना की। इसके अतिरिक्त, उप कारागार में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्लंबिंग, मोबाइल रिपेयरिंग, कारपेंट्री, बेकरी, आर्ट, म्यूजिक, सिलाई और ब्यूटीशियन जैसे व्यावसायिक प्रशिक्षण भी नियमित रूप से दिए जा रहे हैं। पढ़ाई में रुचि रखने वाले बंदियों के लिए इग्नू के माध्यम से बैचलर्स और डिप्लोमा जैसी डिग्रियों की पढ़ाई की सुविधा भी दी जा रही है। वर्तमान में 28 बंदी विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं। डिप्टी जेलर नीलम धामी ने बताया कि हल्द्वानी जेल में इग्नू अध्ययन केंद्र स्थापित करने की दिशा में प्रयास जारी हैं। इसके लिए देहरादून क्षेत्रीय इग्नू केंद्र को एमओयू भेजा गया है। अनुमति मिलते ही हल्द्वानी जेल में सेंटर खोला जाएगा, जिससे बंदियों को पढ़ाई में और सहूलियत मिलेगी। फिलहाल इन छात्रों की परीक्षाएं हरिद्वार जेल स्थित सेंटर में आयोजित की जा रही हैं। जेल प्रशासन की यह पहल न केवल बंदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रही है, बल्कि समाज में पुनः सम्मानजनक स्थान दिलाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

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