हल्द्वानी – कमिश्नर दीपक रावत के सख्त तेवर, लैंड फ्रॉड के 29 मामलों में मुकदमा दर्ज करने का आदेश, खरीददारों के लिए की नई घोषणा

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

हल्द्वानी – काठगोदाम स्थित स्टेट सर्किट हाउस में मंगलवार को कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की अध्यक्षता में ज़मीन घोटालों (लैंड फ्रॉड) को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में कुमाऊं रेंज की आईजी रिद्धिम अग्रवाल, नैनीताल व उधम सिंह नगर जिलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अल्मोड़ा और चंपावत के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि अब तक कुमाऊं मंडल में लैंड फ्रॉड के 86 से अधिक मामले सामने आए हैं जिनमें से 29 मामलों में एफआईआर दर्ज करने की संस्तुति की गई है। ये सभी मामले बीते कई महीनों से लैंड फ्रॉड समिति के समक्ष लंबित थे।कमिश्नर ने बताया कि एक गंभीर मामला श्री कैंची धाम क्षेत्र के बस गांव में सामने आया है, जहां मृतकों के नाम पर फर्जी आधार कार्ड बनाकर ज़मीन की बिक्री की गई। इस मामले की जानकारी मिलते ही कमिश्नर ने तत्काल प्रभाव से दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पर रोक लगा दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस फर्जीवाड़े में जो भी लोग शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नई व्यवस्था की घोषणा –

ज़मीन खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता लाने के लिए कमिश्नर दीपक रावत ने नई व्यवस्था की घोषणा भी की। अब कोई भी व्यक्ति ज़मीन खरीदने से पहले तहसील में आवेदन कर पटवारी द्वारा ज़मीन की तस्दीक करवा सकेगा। इससे खरीदार को ज़मीन की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सकेगी और धोखाधड़ी की संभावना को रोका जा सकेगा। यह व्यवस्था कुमाऊं मंडल की सभी तहसीलों में लागू की जाएगी। कमिश्नर ने ज़मीन घोटालों से सतर्क रहने और ज़मीन खरीदने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करने की अपील भी आम जनता से की।

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