दिल्ली हाईकोर्ट का अहम फैसला: स्कूल में बच्चों के स्मार्टफोन ले जाने पर रोक लगाने से क्यों किया इनकार

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्कूलों में बच्चों के स्मार्टफोन लाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल कक्षा में शिक्षण अनुशासन या समग्र शैक्षिक वातावरण पर नकारात्मक असर नहीं डालता है। यह निर्णय एक छात्र की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें स्कूलों में मोबाइल फोन के प्रयोग को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा कि तकनीकी युग में स्मार्टफोन को पूरी तरह से नकारात्मक नहीं माना जा सकता है कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि स्मार्टफोन का उपयोग सही दिशा में किया जाए, तो यह बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षिक संसाधन बन सकता है हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए, और मनोरंजन, सोशल मीडिया या गेमिंग जैसी गतिविधियों के लिए इसका प्रयोग स्कूल परिसर में स्वीकार्य नहीं होगा दिल्ली हाईकोर्ट ने स्कूलों को निर्देशित किया कि वे बच्चों के स्मार्टफोन के उपयोग के लिए उचित दिशा-निर्देश तैयार करें, ताकि इसका दुरुपयोग रोका जा सके। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि स्कूलों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल के नियमों का उल्लंघन रोकने के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष नियम लागू किए जाएं अदालत ने स्पष्ट चेतावनी दी कि स्मार्टफोन का उपयोग केवल शैक्षिक उद्देश्यों तक ही सीमित होना चाहिए। मनोरंजन, सोशल मीडिया या गेमिंग जैसी गतिविधियों के लिए स्मार्टफोन का प्रयोग स्कूलों में न स्वीकार किया जाए।

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