स्नातक स्तरीय परीक्षा में लापरवाही, परियोजना निदेशक निलंबित

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

देहरादून। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा हाल ही में आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में नकल प्रकरण सामने आने के बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। हरिद्वार जिले के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, जट (केंद्र कोड-1302) में एक अभ्यर्थी द्वारा प्रश्नपत्र के 12 प्रश्नों की फोटो मोबाइल से बाहर भेजने का मामला प्रकाश में आने पर शासन ने परीक्षा की निगरानी में गंभीर लापरवाही मानते हुए जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित कर दिया है। ग्राम्य विकास अनुभाग-1 द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि परीक्षा केंद्र पर सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण हरिद्वार K.N. तिवारी ने अपने कर्तव्यों का समुचित निर्वहन नहीं किया और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी में भारी चूक बरती। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अग्रिम आदेश तक आयुक्त, ग्राम्य विकास कार्यालय, पौड़ी से संबद्ध कर दिया गया है।शासनादेश के अनुसार, निलंबन अवधि में तिवारी को नियमों के प्रावधानों के तहत जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, लेकिन महंगाई भत्ता केवल उन्हीं परिस्थितियों में अनुमन्य होगा जब वह निलंबन से पूर्व इसके पात्र रहे हों। इसके अलावा, निलंबन अवधि में अन्य प्रतिकर भत्ते तभी दिए जाएंगे जब उनके वास्तविक व्यय का प्रमाण प्रस्तुत किया जाएगा। यह कदम इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि परीक्षा के दौरान हुई लापरवाही ने न केवल परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राज्यभर में कई संगठनों ने इस पर विरोध भी जताया है।

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