हल्द्वानीः एसटीएच में 139 नर्सेज की नौकरी पर संकट

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दीपक अधिकारी

हल्द्वानी

राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधीन डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में आउटसोर्स के माध्यम से काम कर रहीं 139 नर्सेज की नौकरी पर संकट आ गया है। यह नर्सेज एक कंपनी के माध्यम से यहां काम करतीं हैं। अस्पताल में नियमित नर्सेज आने वाली हैं। ऐसे में इनका अनुबंध बढ़ाया तो गया है लेकिन साथ ही कहा गया है कि नियमित नर्सेज के काम पर आने तक ही काम करने दिया जाए। शासन में स्टाफ नर्सेज की नियुक्ति को दी गई है।इन नर्सेज को अब मेडिकल कॉलेजों में तैनाती दी जा रही है। विगत दिनों स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा था कि उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित कुल 1,314 नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति दो सप्ताह के भीतर कर दी जाएगी। इन अधिकारियों को पांच राजकीय मेडिकल कॉलेजों और राज्य कैंसर संस्थान हल्द्वानी में रिक्त पदों पर तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही चिकित्सा शिक्षा निदेशालय देहरादून ने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी को पत्र लिखकर कहा कि मैसर्स प्राईम क्लीनिंग सर्विसेज के साथ सेवा अनुबंध को बढ़ा दिया जाए और इसे तब तक के लिए बढ़ाया जाए जब तक स्टाफ नर्सेज की नियुक्ति अस्पताल में नहीं हो रही है स्वास्थ्य मंत्री के बयान को देखें तो अगले दो सप्ताह के भीतर नियमित नर्सेज की नियुक्ति हो जाएगी। उसके बाद इन नर्सेज की नौकरी पर संकट आ सकता है। इनकी संख्या कुल 139 है। मेडिकल कॉलेज के अनुसार जिन पदों पर अनुबंधित कर्मचारियों की जगह नियमित कर्मचारी आ रहे हैं वहां अनुबंधित कर्मचारियों की सेवा या तो समाप्त की जा रही है या फिर उनका स्थानांतरण किया जा रहा है।

लैब तकनीशिनों के साथ भी यही हुआ था

मेडिकल कॉलेज में कार्यरत 23 लैब तकनीशियनों के साथ भी यही हुआ था। उनकी जगह नियमित कर्मचारी आने के बाद उनकी एसटीएच में सेवा को समाप्त कर दिया गया और उनका स्थानांतरण राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में कर दिया गया। कम वेतन में कई कर्मचारियों को नौकरी करने के लिए दूसरे शहर जाना पड़ा। इधर एसटीएच की 139 नर्सेज ने शुक्रवार को नर्सिंग सुपरीडेंट जी मैथ्यू से भी भेंट की। उन्होंने बताया कि नर्सेज से कहा गया है कि अग्रिम आदेश तक वह नौकरी कर सकते हैं पीसीएस कंपनी के माध्यम से अनुबंध के आधार पर जो 139 नर्सेज काम कर रहीं थीं, उनका अनुबंध फिलहाल बढ़ा दिया गया है। नियमित नर्सेज आने तक यही व्यवस्था रहेगी।-डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी

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